हाइवे में ट्रक चालकों को नींद की गोलियां देकर गाड़ी लूटने वाले अंतरराज्यीय गैंग का पदार्फाश हो गया है। क्राइम ब्रांच ने इंदौर से गैंग मास्टर माइंड को पकड़ने के बाद शातिर गिरोह का पदार्फाश किया। गिरोह की निशानदेही पर 4 ट्रक जब्त किए। गिरोह ने बरगढ़-ओडिशा में भी वारदात करना कबूली है।
एएसपी अजातशत्रु बहादुर सिंह, विजय अग्रवाल ने अंतरराज्यीय गैंग के पकड़े जाने के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि तीन आरोपी नियाज अहमद निवासी सीपत बिलासपुर, सरकार अली मस्तूरी बिलासपुर और लखबीर सिंह भंवरकुआं इंदौर पकड़े गए। निशानदेही पर टीम ने लगभग 1 साल पहले लूटे गए 4 ट्रकों को इंदौर, बिलासपुर और रायपुर से बरामद किया। एएसपी सिंह ने बताया कि कुल 80 लाख रुपए कीमती वाहन लेकर लुटेरे इंदौर भाग निकले थे। रावांभाठा और धरसींवा क्षेत्र से पूर्व में चालकों को बेहोश करके उनकी गाड़ियां लूट लेने की शिकायतों पर जांच करते हुए टीम इंदौर तक पहुंची। इसके बाद वाहन बरामद कर गैंग में शामिल सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया।
अफसरों ने बताया कि रावांभाठा, ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र से वाहन लूट की शिकायतें मिल रही थीं। इस पर क्राइम ब्रांच टीआई संजय सिंह की अगुवाई में स्पेशल यूनिट बनाई गई थी। एएसआई चेतन दुबे के साथ इस यूनिट ने बाई रूट ग्राउंड रिपोर्ट तैयार की। नियाज और सरकार के चेहरे की तस्दीक करते हुए बिलासपुर तक पहुंचे। जैसे ही हुलिया पुख्ता हुआ, उनके ठिकानों पर पहुंचकर गिरफ्तारी की। इनके बयान लेकर लक्खा को पकड़ा। दरअसल गैंग ने मोबाइल फोन का इस्तेमाल किए बगैर वारदातें कीं। इस कारण खोजबीन मुश्किल थी। चेक पोस्ट और बिलासपुर रूट में ग्राउंड रिपोर्ट में मिले क्लू अहम साबित हुए। टीआई संजय सिंह ने बताया कि गैंग के दोनों आरोपी सरकार अली और नियाज को 25 जून को ही पकड़ लिया था।
उनके अपराध कबूल करने के बाद पहले न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। क्लू जुटाने के बाद नियाज को पुलिस रिमांड में लेकर फिर लक्खा की तलाश शुरू की। इससे 12 चक्का दो ट्रक बरामद हुए। आरोपी गैंग अक्सर चालकों को 70 से 72 घंटे बेहोश रखने के लिए लेंज सेप्रा जॉल की दो से तीन गोलियां पीसकर खिला देते थे। सरकार और नियाज हाइवे में आकर पहले चालकों से दोस्ती करते थे। रात का खाना साथ में खाने सहमत कर उन्हें बेसुध करते थे। बेसुध चालकों को कई बार सड़क किनारे तक छोड़ा। चालक सड़क दुर्घटना का शिकार होते बाल-बाल बचे।